श्री गणेश आरती - Shri Ganesh Aarati

श्रीगणेश को धूप-दीप, फूल, दूर्वा आदि चढ़ाएं। गुड़-धनिए का प्रसाद अर्पित करें। इसके बाद गणेशजी के सामने बैठकर पन्ना या हरे हकीक की माला से (ऊँ गं गणपतये नमः मंत्र का यथाशक्ति जप करें। जब घर से निकलने वाले हों, तब श्री गणेश को चढ़ाई दूर्वा में से थोड़ी दूर्वा अपनी जेब में रख लें।

श्री गणेश आरती - Shri Ganesh Aarati

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥

'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥