नारद जी से दृढ़धन्वा ने पूर्वजन्म की कथा सुनी। बाल्मीकि ने पुत्र-शोक, पुरुषोत्तम मास की महिमा, और ब्राह्मण की तपस्या से श्रीहरि की कृपा का वर्णन किया। नारद जी बोले, …
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Purushottam Maas Katha: Adhyaya 19 | पुरुषोत्तम मास कथा: अध्याय 19
श्रीसूत जी ने नारद मुनि द्वारा श्रीहरि से पूछे प्रश्न और सुदेव ब्राह्मण के पुरुषोत्तम मास सेवन से हुए अद्भुत फल का वर्णन किया। भगवान विष्णु ने सुदेव को इस …
Purushottam Maas Katha: Adhyaya 20 | पुरुषोत्तम मास कथा: अध्याय 20
पुरुषोत्तम मास में विधिपूर्वक स्नान, दान, व्रत, तिलक, पूजा और भगवान पुरुषोत्तम की आराधना से महान पुण्य प्राप्त होता है, जो मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है। सूतजी बोले – …
Purushottam Maas Katha: Adhyaya 21 | पुरुषोत्तम मास कथा: अध्याय 21
वाल्मीकि मुनि ने भगवान पुरुषोत्तम की प्रतिमा में प्राण-प्रतिष्ठा और भक्तिपूर्वक पूजन के महत्व का वर्णन किया, जिससे भक्त को सभी सुख और मोक्ष की प्राप्ति होती है। वाल्मीकि मुनि …
Purushottam Maas Katha: Adhyaya 22 | पुरुषोत्तम मास कथा: अध्याय 22
बाल्मीकि मुनि ने पुरुषोत्तम भगवान् की प्राण प्रतिष्ठा, षोडशोपचार पूजा, और भक्ति से किए गए पूजन के महत्व को बताया, जो परम सुख और मोक्ष का मार्ग है। बाल्मीकि मुनि …
Purushottam Maas Katha: Adhyaya 24 | पुरुषोत्तम मास कथा: अध्याय 24
यदि कन्या व्रत करती है तो गुणी चिरञ्जीयवी पति को प्राप्त करती है, स्त्री की इच्छा करने वाला पुरुष सुशीला और पतिव्रता स्त्री को प्राप्त करता है। मणिग्रीव बोला, ‘हे …
Purushottam Maas Katha: Adhyaya 25 | पुरुषोत्तम मास कथा: अध्याय 25
पुरुषोत्तम मास व्रत विधि में भगवान विष्णु की पूजा, अर्घ्य, दान, ब्राह्मण भोजन और जागरण द्वारा मोक्ष और सुखप्राप्ति का विधान बताया गया है। दृढ़धन्वा बोला, ‘हे ब्रह्मन्! हे मुने! …
Purushottam Maas Katha: Adhyaya 26 | पुरुषोत्तम मास कथा: अध्याय 26
उद्यापन व्रत के नियम त्याग में दान और विधिपूर्वक आचरण से भगवान की प्रसन्नता मिलती है। पाप नाशक और कल्याणकारी यह व्रत मोक्ष प्रदान करता है। अब उद्यापन के पीछे …
Purushottam Maas Katha: Adhyaya 27 | पुरुषोत्तम मास कथा: अध्याय 27
पुरुषोत्तम मास में तप और भक्ति से राजा दृढ़धन्वा और रानी गुणसुंदरी गोलोक पहुंचे। कथा स्वार्थी कदर्य ब्राह्मण के पापों, वानर योनि, और मोक्ष पर केंद्रित है। श्रीनारायण बोले, ‘इस …
Purushottam Maas Katha: Adhyaya 28 | पुरुषोत्तम मास कथा: अध्याय 28
श्रीनारायण बोले- चित्रगुप्त धर्मराज के वचन को सुनकर अपने योद्धाओं से बोले- यह कदर्य प्रथम बहुत समय तक अत्यन्त लोभ से ग्रस्त हुआ, बाद चोरी करना शुरू किया। इसलिये यह …