परिचय (Introduction) ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भारत के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के बीच एक द्वीप पर स्थित है। इस मंदिर …
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परिचय (Introduction) वैष्णो देवी मंदिर भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है, जो जम्मू और कश्मीर के त्रिकुटा पर्वत पर स्थित है। यह मंदिर माता वैष्णो देवी को …
परिचय (Introduction) ललिता देवी मंदिर, प्रयागराज में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है और 51 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है। यह मंदिर माता सती के दाहिने हाथ …
भगवान नारायण के नामों का महत्व (Importance of Lord Narayan’s Names) भगवान नारायण, जिन्हें भगवान विष्णु के रूप में भी जाना जाता है, सृष्टि के पालनहार हैं। उनके 108 पवित्र …
परिचय (Introduction) मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग भारत के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसे दक्षिण का काशी भी कहा जाता है। यह आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम में स्थित है …
अर्जुन उवाच: सन्यासस्य महाबाहो तत्त्वमिच्छामि वेदितुम् । त्यागस्य च हृषीकेश पृथक्केशिनिषूदन ।। अर्जुन बोले- हे महाबाहो ! हे अन्तर्यामिन् ! हे वासुदेव ! मैं संन्यास और त्यागके तत्त्वको पृथक्- पृथक् …
परिचय – Introduction भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित, भारत के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर घने जंगलों और सह्याद्रि पर्वत श्रृंखला में स्थित …
Chapter 17 : Shraddha Traya Vibhaga Yoga – अध्याय १७: श्रद्धात्रयविभागयोग
अर्जुन उवाच: ये शास्त्रविधिमुत्सृज्य यजन्ते श्रद्धयान्विताः । तेषां निष्ठा तु का कृष्ण सत्त्वमाहो रजस्तमः ।। अर्जुन बोले- हे कृष्ण ! जो मनुष्य शास्त्रविधिको त्यागकर श्रद्धासे युक्त हुए देवादिका पूजन करते …
Chapter 16 : Daivasura Sampad Vibhaga Yoga – अध्याय १६: दैवासुरसम्पद्विभागयोग
श्रीभगवानुवाच: अभयं सत्त्वसंशुद्धिर्ज्ञानयोगव्यवस्थितिः । दानं दमश्च यज्ञश्च स्वाध्यायस्तप आर्जवम् ॥ श्रीभगवान् बोले- भयका सर्वथा अभाव, अन्तःकरणकी पूर्ण निर्मलता, तत्त्वज्ञानके लिये ध्यानयोगमें निरन्तर दृढ़ स्थिति और सात्त्विक दान, इन्द्रियोंका दमन, भगवान्, …
परिचय – Introduction महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, भगवान शिव के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक, मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। यह मंदिर अपनी भस्म आरती और अद्वितीय आध्यात्मिकता के …