अर्जुन उवाच मदनुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसञ्जितम् । यत्त्वयोक्तं वचस्तेन मोहोऽयं विगतो मम ॥ अर्जुन बोले- मुझपर अनुग्रह करनेके लिये आपने जो परम गोपनीय अध्यात्मविषयक वचन अर्थात् उपदेश कहा, उससे मेरा यह …
1 FacebookTwitterPinterestWhatsapp Fashion Gemma Ward Used To Wish Fast Fashion Was Less Prevalent By Now by James Gordon July 30, 2021 by James Gordon July 30, 2021 Luxury travel is …
श्रीभगवानुवाच भूय एव महाबाहो शृणु मे परमं वचः । यत्तेऽहं प्रीयमाणाय वक्ष्यामि हितकाम्यया ।। श्रीभगवान् बोले- हे महाबाहो ! फिर भी मेरे परम रहस्य और प्रभावयुक्त वचनको सुन, जिसे मैं …
Chapter 9 : Rajavidya Rajaguhya Yoga – अध्याय ९ : राजविद्याराजगुह्ययोग
इदं तु ते गुहातमं प्रवक्ष्याम्यनसूयवे। ज्ञानं विज्ञानसहितं यज्ञात्वा मोक्ष्यसेऽशुभात् ॥ श्रीभगवान् बोले- तुझ दोषदृष्टिरहित भक्तके लिये इस परम गोपनीय विज्ञानसहित ज्ञानको पुनः भलीभाँति कहूँगा, जिसको जानकर तू दुःखरूप संसारसे मुक्त …
चोटिला में स्थित चामुण्डा माता मंदिर गुजरात, भारत में स्थित है। यहाँ पर चामुण्डा देवी की पूजा और भक्तों का आदर किया जाता है। मंदिर का स्थान पहाड़ी क्षेत्र में …
Chapter 8 : Aksara Brahma Yoga – अध्याय ८: अक्षरब्रह्मयोग
अर्जुन उवाच किं तद्ब्रह्म किमध्यात्मं किं कर्म पुरुषोत्तम। अधिभूतं च किं प्रोक्तमधिदैवं किमुच्यते ॥ अर्जुनने कहा- हे पुरुषोत्तम ! वह ब्रह्म क्या है? अध्यात्म क्या है? कर्म क्या है? अधिभूत …
Chapter 7 : Gyaan Vigyaan Yoga – अध्याय ७: ज्ञानविज्ञानयोग
श्रीभगवानुवाच मव्यासक्तमनाः पार्थ योगं युञ्जन्मदाश्रयः । असंशयं समग्रं मां यथा ज्ञास्यसि तच्छृणु ॥ श्रीभगवान् बोले- हे पार्थ! अनन्यप्रेमसे मुझमें आसक्तचित्त तथा अनन्यभावसे मेरे परायण होकर योगमें लगा हुआ तू जिस …
त्र्यंबकेश्वरज्योर्तिलिंग में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों ही विराजित हैं यही इस ज्योतिर्लिंग की सबसे बड़ी विशेषता है। अन्य सभी ज्योतिर्लिंगों में केवल भगवान शिव ही विराजित हैं। पौराणिक कथा …
Piyo Ji Maine Ram Ratan Dhan Payo – पायो जी मैंने राम रतन धन पायो
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो । पायो जी मैंने राम रतन धन पायो । वस्तु अमोलिक दी मेरे सतगुरु । कृपा कर अपनायो ॥पायो जी मैंने राम रतन …
श्रीभगवानुवाच: अनाश्रितः कर्मफलं कार्यं कर्म करोति यः । स सन्यासी च योगी च न निरग्निर्न चाक्रियः ॥ श्रीभगवान् बोले- जो पुरुष कर्मफलका आश्रय न लेकर करनेयोग्य कर्म करता है, वह …