भगवद गीता का चौथा अध्याय “ज्ञान कर्म संन्यास योग” है। इसमें श्री कृष्ण ने आत्मज्ञान, निष्काम कर्म और दिव्य ज्ञान के माध्यम से कर्तव्यों के निर्वहन को समझाया है। श्रीभगवानुवाच: …
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भगवद गीता का चौथा अध्याय “ज्ञान कर्म संन्यास योग” है। इसमें श्री कृष्ण ने आत्मज्ञान, निष्काम कर्म और दिव्य ज्ञान के माध्यम से कर्तव्यों के निर्वहन को समझाया है। श्रीभगवानुवाच: …